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डायबिटीज में दवा और इंसुलिन –
कब और कैसे लें?
कब और कैसे लें?
विशेषज्ञों द्वारा बताए गए सही समय, मात्रा और तरीके जानें
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इंसुलिन डोज़ गाइड
मुख्य बिंदु:
इंसुलिन का डोज़ वजन, ब्लड शुगर लेवल, BMI और डॉक्टर के रूटीन पर निर्भर करता है।
सामान्य डोज़ दिशानिर्देश:
BMI < 25
0.4-0.6 units/kg/day
BMI 25-30
0.6-0.8 units/kg/day
BMI > 30
0.8-1.2 units/kg/day
प्रकार:
- बेसल इंसुलिन: दिनभर धीरे-धीरे काम करता है (40-50% of total dose)
- बोलस इंसुलिन: खाने के समय ब्लड शुगर नियंत्रित करता है (50-60% of total dose)
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महत्वपूर्ण सलाह:
💉 इंसुलिन की सही डोज़ कभी भी खुद से एडजस्ट न करें।
डोज़ में बदलाव से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें
Note: These are general guidelines. Individual needs may vary.
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दवा + इंसुलिन सही संयोजन
मुख्य बिंदु:
- दवा + इंसुलिन मिलाकर ही सही ब्लड शुगर नियंत्रण संभव
- खाने से पहले या बाद में कौन सी दवा लें, यह डॉक्टर से स्पष्ट करें
- नियमित मॉनिटरिंग ज़रूरी (दिन में 4-6 बार)
सामान्य संयोजन प्रोटोकॉल:
टाइप 1 डायबिटीज
इंसुलिन + मेटफॉर्मिन
(70% इंसुलिन, 30% दवा)
टाइप 2 डायबिटीज
लॉन्ग-एक्टिंग इंसुलिन + SGLT2 अवरोधक
(50-50% संतुलन)
समय सारिणी:
सुबह:
मेटफॉर्मिन + फास्टिंग इंसुलिन
दोपहर:
GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट (यदि निर्धारित)
रात:
बेसल इंसुलिन + मेटफॉर्मिन
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स्मार्ट टिप:
ब्लड शुगर लॉग रखें और हर 15 दिन में डॉक्टर को दिखाएँ
नोट करें: दवा का समय, मात्रा और ब्लड शुगर रीडिंग
किसी भी दवा परिवर्तन से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें
Note: यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत उपचार योजना डॉक्टर द्वारा निर्धारित की जानी चाहिए
🌿 जीवनशैली के साथ इलाज 🌿
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💊 दवाओं से परे
मधुमेह प्रबंधन केवल दवाओं और इंसुलिन तक सीमित नहीं है। अनुसंधान से पता चलता है कि जीवनशैली में परिवर्तन दवाओं की आवश्यकता को 58% तक कम कर सकते हैं। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और तनाव प्रबंधन रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
🏋️♂️ व्यायाम के लाभ
• प्रतिदिन 30 मिनट की हल्की वॉक: सुबह या शाम के समय टहलने से इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार होता है
• योग एवं स्ट्रेचिंग: सप्ताह में 3-4 बार योग करने से तनाव कम होता है और रक्त संचार बेहतर होता है
• शक्ति प्रशिक्षण: सप्ताह में 2 बार हल्के वजन उठाने से मांसपेशियों की संवेदनशीलता बढ़ती है
🥗 आहार संतुलन
• फाइबर युक्त आहार: साबुत अनाज, दालें, हरी सब्जियाँ रक्त शर्करा को धीरे-धीरे बढ़ने देती हैं
• प्रोटीन संतुलन: दाल, पनीर, अंडे और मछली जैसे प्रोटीन स्रोतों को शामिल करें
• भोजन का समय: छोटे-छोटे अंतराल (हर 2-3 घंटे) पर थोड़ा-थोड़ा भोजन करना बेहतर होता है
😌 तनाव प्रबंधन
• ध्यान एवं प्राणायाम: प्रतिदिन 10-15 मिनट का ध्यान तनाव हार्मोन कोर्टिसोल के स्तर को कम करता है
• पर्याप्त नींद: रात में 7-8 घंटे की गहरी नींद शरीर की मरम्मत प्रक्रिया के लिए आवश्यक है
• सामाजिक संपर्क: मित्रों और परिवार के साथ समय बिताने से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है
📝 व्यावहारिक सुझाव
सुबह 15 मिनट धूप + 2 लीटर पानी + 7 घंटे नींद + 30 मिनट व्यायाम = बेहतर शुगर नियंत्रण
(इन छोटे-छोटे बदलावों से बड़ा प्रभाव पड़ सकता है)
(इन छोटे-छोटे बदलावों से बड़ा प्रभाव पड़ सकता है)
⚠️ ध्यान रखने योग्य बातें ⚠️
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💊 दवा/इंसुलिन संबंधी सावधानियाँ
• कभी भी दवा या इंसुलिन अचानक न छोड़ें: इससे रक्त शर्करा का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ सकता है
• डॉक्टर की सलाह के बिना खुराक न बदलें: गलत खुराक से हाइपोग्लाइसीमिया या हाइपरग्लाइसीमिया हो सकता है
• दवाओं का समय नियमित रखें: भूलने पर डॉक्टर से पूछकर ही अगली खुराक लें
🚨 साइड इफेक्ट्स पर ध्यान दें
• इन लक्षणों पर तुरंत ध्यान दें: अत्यधिक थकान, चक्कर आना, धुंधली दृष्टि, बार-बार पेशाब आना
• गंभीर प्रतिक्रियाएँ: त्वचा पर रैशेज, सूजन, सांस लेने में तकलीफ होने पर तुरंत आपातकालीन सेवाएँ बुलाएँ
• दवा बदलने की आवश्यकता: किसी भी असहजता को नजरअंदाज न करें, डॉक्टर को सूचित करें
🩺 नियमित जाँच एवं मॉनिटरिंग
• HbA1c टेस्ट: हर 3 महीने में (न्यूनतम 6 महीने में एक बार अवश्य)
• रक्त शर्करा मापन: सप्ताह में 2-3 बार नियमित रूप से (सुबह खाली पेट और भोजन के 2 घंटे बाद)
• अन्य जाँचें: साल में एक बार कोलेस्ट्रॉल, किडनी फंक्शन और आँखों की जाँच अवश्य करवाएँ
🚑 आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहें
हमेशा अपने साथ: ग्लूकोमीटर, ग्लूकोज टैबलेट/चॉकलेट, डॉक्टर का संपर्क नंबर और दवाओं की सूची रखें